NOT KNOWN FACTUAL STATEMENTS ABOUT SHIV CHALISA LYRICS ENGLISH

Not known Factual Statements About shiv chalisa lyrics english

Not known Factual Statements About shiv chalisa lyrics english

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मातु पिता भ्राता सब कोई । संकट में पूछत नहिं कोई ॥

मोहिः संभ्रान्तः स्थित्वा शान्तिं न प्राप्नोत्।

अर्थ- त्रयोदशी (चंद्रमास का तेरहवां दिन त्रयोदशी कहलाता है, हर चंद्रमास में दो त्रयोदशी आती हैं, एक कृष्ण पक्ष में व एक शुक्ल पक्ष में) को पंडित बुलाकर हवन करवाने, ध्यान करने और व्रत रखने से किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं रहता।

अर्थ: पवित्र मन से इस पाठ को करने से भगवान शिव कर्ज में डूबे को भी समृद्ध बना देते हैं। यदि कोई संतान हीन हो तो उसकी इच्छा को भी भगवान शिव का प्रसाद निश्चित रुप से मिलता है। त्रयोदशी (चंद्रमास का तेरहवां दिन त्रयोदशी कहलाता है, हर चंद्रमास में दो त्रयोदशी आती हैं, एक कृष्ण पक्ष में व एक शुक्ल पक्ष में) को पंडित बुलाकर हवन करवाने, ध्यान करने और व्रत रखने से किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं रहता।

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श्रीगुरु चरन सरोज रज, निजमन मुकुरु सुधारि। more info बरनउं रघुबर बिमल जसु, जो दायक फल चारि।।

कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥

द्वादश ज्योतिर्लिंग मंत्र

कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥

यह एक चमत्कारीक स्त्रोत है जिसका पाठ करने से भोलेनाथ तो प्रसन्न होते ही है, साथ ही इससे बिगड़े हुए काम भी बन जाते है। इस स्त्रोत के पाठ शिव रात्रि या सावन के महीने में शुभ मानते है। शिव जी की अगर कोई श्रद्धा पूर्वक भक्ति करता है तो भोलेनाथ बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते है। इसी कारण से भोले नाथ को ‘आशुतोष’ के नाम से भी जाना जाता है।

शिव भजन

रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई। तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।।

हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव…॥

कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।

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